चडीगढ़। हरियाणा में सालों से 2.27 करोड़ रुपए जुर्माना राशि जमा न कराने वाले 1726 डिफॉल्टर अधिकारियों के खिलाफ शिकायत लोकायुक्त कोर्ट में पहुंची है। डिफॉल्टर लिस्ट में एचसीएस अधिकारी और कई अन्य उच्चाधिकारी भी हैं। लोकायुक्त को 24 जुलाई को शपथ-पत्र और आरटीआई दस्तावेजों सहित दी शिकायत में आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने आरोप लगाया कि अधिकांश सूचना अधिकारी न तो सूचनाएं देते हैं और न ही राज्य सूचना आयोग द्वारा लगाई गई जुर्माना राशि राजकोष में जमा कराते हैं।
Case against 1726 officers including dozens of HCS officers from Haryana
to recover fine
उनके मुताबिक, “सरकार इन डिफॉल्टर्स के खिलाफ कोई विभागीय कारवाई करती है। नतीजतन पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए बने आरटीआई एक्ट 2005 का मखौल बन रहा है।
राज्य सूचना आयोग ने वर्ष 2006 से दिसंबर 2019 तक राज्य जनसूचना अधिकारियों पर कुल 3,50,54,740 रुपए जुर्माना लगाया था। पर 1726 जनसूचना अधिकारियों ने कई साल बीत जाने पर भी 2.27 करोड़ रूपये जुर्माना राशि जमा नहीं कराई।
सरकार ने इस जुर्माना राशि की वसूली के लिए बार-बार सभी उच्चाधिकारियों को सर्कुलर भेजा, लेकिन इन आदेशों पर अमल नहीं हुआ।”
एक्टिविस्ट ने लोकायुक्त से मांग की कि सभी 1726 डिफाल्टर जनसूचना अधिकारियों से 2.27 करोड़ रुपये जुर्माना राशि ब्याज सहित वसूली जाए।
ड्यूटी से लापरवाह इन जनसूचना अधिकारियों की एसीआर में विपरीत टिप्पणी दर्ज हो।
जुर्माना राशि वसूली के लिए राज्य सूचना आयोग में विशेष प्रकोष्ठ गठित हो। जुर्माना वसूली न करने वाले ड्राईंग एंड डिसर्बसमैंट ऑफिसरों को दंडित किया जाए।